
नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिल्ली के कारोबारी समुदाय में गहरा आक्रोश है। इस वीभत्स हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। देश भर में शोक की लहर है, और व्यापारिक संगठनों ने इस हमले के विरोध में 25 अप्रैल को दिल्ली बंद रखने का ऐलान किया है।
व्यापार पर प्रभाव:
इस दिल्ली बंद का सीधा असर हजारों दुकानों, बाजारों और छोटे व्यवसायों पर पड़ेगा। अनुमान है कि एक दिन के इस बंद से दिल्ली की लोकल इकोनॉमी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। वहीं, इससे यह भी साबित होता है कि व्यापारी समाज अब केवल मुनाफे तक सीमित नहीं रहकर सामाजिक मुद्दों पर भी आवाज़ उठा रहा है।
दिल्ली व्यापार महासंघ का बयान:
संघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने कहा, “हम सिर्फ व्यापारी नहीं हैं, जिम्मेदार नागरिक भी हैं। इस तरह के हमलों पर चुप रहना हमारी आत्मा के खिलाफ है। इसलिए हम स्वेच्छा से 25 अप्रैल को दिल्ली के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील करते हैं।”
निवेशकों और ग्राहकों के लिए क्या मायने हैं?
दिल्ली बंद से ई-कॉमर्स, लोकल ट्रांसपोर्ट, और रिटेल निवेशकों को भी अस्थायी असुविधा हो सकती है। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे 24 या 26 अप्रैल को खरीदारी की योजना बनाएं, विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं के लिए।
निष्कर्ष:
हालांकि यह बंद सिर्फ एक दिन का है, लेकिन इसका संदेश बेहद स्पष्ट और मजबूत है – “आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है, और व्यापारी समुदाय भी इसका सक्रिय हिस्सा है।”