भारत में टैक्स बचाने के कई बेहतरीन तरीके उपलब्ध हैं। आपकी वित्तीय स्थिति और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर, आप इनमें से कुछ विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।


  1. धारा 80C के तहत निवेश विकल्प

आयकर अधिनियम की धारा 80C सबसे लोकप्रिय टैक्स-सेविंग विकल्पों में से एक है। इसके तहत आप ₹1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

1.1 कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बचत योजना

ब्याज और परिपक्वता राशि कर-मुक्त

1.2 सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)

सरकार समर्थित योजना, सभी के लिए उपलब्ध

ब्याज दर: 7-8%

लॉक-इन अवधि: 15 वर्ष

ब्याज और परिपक्वता राशि कर-मुक्त

1.3 राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)

सरकार समर्थित 5 वर्ष की योजना

ब्याज कर योग्य, लेकिन पुनर्निवेश करने पर 80C में छूट

1.4 इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)

म्यूचुअल फंड आधारित

लॉक-इन: 3 वर्ष

उच्च रिटर्न की संभावना

₹1 लाख तक LTCG कर-मुक्त

1.5 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

बीमा + निवेश का संयोजन

प्रीमियम पर 80C छूट

परिपक्वता राशि कुछ शर्तों पर टैक्स-फ्री

1.6 सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

बालिकाओं के लिए विशेष योजना

निवेश, ब्याज, और परिपक्वता – तीनों टैक्स-फ्री

1.7 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)

60+ आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए

5 वर्ष की योजना

त्रैमासिक ब्याज भुगतान

1.8 5 वर्षीय टैक्स सेवर FD

बैंकों द्वारा दी जाने वाली टैक्स सेविंग FD

5 साल की लॉक-इन अवधि

ब्याज कर योग्य

1.9 जीवन बीमा प्रीमियम

स्वयं और परिवार के लिए पॉलिसी का प्रीमियम 80C के अंतर्गत

1.10 होम लोन का मूलधन पुनर्भुगतान

होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान 80C के तहत छूट के योग्य


  1. अन्य टैक्स सेविंग विकल्प

2.1 धारा 80D – स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम

स्वयं, परिवार और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट

₹25,000 से ₹1,00,000 तक की छूट (उम्र के अनुसार)

2.2 धारा 80CCD(1B) – NPS योगदान

NPS में ₹50,000 तक के अतिरिक्त निवेश पर छूट

यह 80C की सीमा के अतिरिक्त है

2.3 धारा 24(b) – होम लोन पर ब्याज

स्वयं के घर के लिए ₹2 लाख तक की छूट

किराए पर दिए घर के लिए पूरा ब्याज कर-मुक्त

2.4 मकान किराया भत्ता (HRA)

यदि आप किराए के घर में रहते हैं और HRA प्राप्त करते हैं

कुछ शर्तों के अधीन कर छूट

2.5 धारा 80E – शिक्षा ऋण पर ब्याज

उच्च शिक्षा के लिए लिए गए लोन पर ब्याज पर टैक्स छूट

अधिकतम सीमा नहीं

2.6 धारा 80G – दान पर छूट

मान्यता प्राप्त संस्थानों को किए गए दान पर टैक्स छूट

पूर्ण या आंशिक छूट दान के प्रकार पर निर्भर करती है


  1. नई कर व्यवस्था बनाम पुरानी कर व्यवस्था

नई कर व्यवस्था

कम टैक्स दरें

ज़्यादातर टैक्स छूट और कटौतियां उपलब्ध नहीं

पुरानी कर व्यवस्था

टैक्स स्लैब अधिक, लेकिन बहुत सारी टैक्स छूट और निवेश लाभ

क्या चुनें?

यदि आपके पास अधिक टैक्स छूट वाले निवेश हैं, तो पुरानी व्यवस्था फायदेमंद

अन्यथा नई व्यवस्था आसान और सरल हो सकती है


निष्कर्ष

टैक्स सेविंग एक महत्वपूर्ण वित्तीय योजना का हिस्सा है। सोच-समझकर निवेश करके और विभिन्न छूटों का लाभ उठाकर आप अपनी कर देनदारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं। यदि आपको संदेह हो, तो किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से मार्गदर्शन लेना हमेशा लाभदायक रहता है।

By sharma

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